रिपोर्ट एस आर क़ादरी…
उत्तर प्रदेश में नए साल में जल्द ही लोगों को महंगी बिजली मिलने का करंट लग सकता है। उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक जरूरी रिपोर्ट में बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। जिनमें सर्वाधिक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों में 18से23 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है। कृषि कि 10 से 12% बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव है वहीं 100 किलो वाट के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 17% वृद्धि दर का प्रस्ताव आयोग में दिया गया है।
प्रदेश की बिजली कंपनियों की ओर से सोमवार को विद्युत नियामक आयोग मैं अलग-अलग दाखिल प्रस्ताव में बिजली दरों में औसत 15.85% वृद्धि की मांग की गई है। वाणिज्य बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी 12% वृद्धि दर की मांग की गई है। बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता के अनुसार लगभग 92.547 करोड़ रुपए है।
प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 14.9 प्रतिशत की हानि दिखाई है। वर्ष 2023 24 का गैप 9,140 करोड़ रुपए है। कुल बिजली खरीद का जो अनुमान है वह लगभग 134751 मिलियन यूनिट है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह तथा सदस्य विनोद कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर लोक महत्व याचिका दाखिल कर दी है। जिस प्रदेश में उपभोक्ताओं की राशि बिजली कंपनियों पर निकल रही है वहां पर बिजली दरों में वृद्धि देने का प्रस्ताव असंवैधानिक है।