सरकारी अस्पताल में पैसों की मांग और लापरवाही के चलते निकिता की गई जान…

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बुरहानपुर(इक़बाल अंसारी)

बुरहानपुर के सरकारी अस्पताल को हमेशा से ही ज़िंदा लाशों का कब्रिस्तान कहा जाता है। डिलीवरी और सीजर के नाम पर पूर्व की महिला डॉक्टर्स बहुत बदनाम थी। उनमें से कुछ महिला चिकित्सक अब इस दुनिया में नहीं है। इसलिए उन पर टिप्पणी करना मुनासिब नहीं है लेकिन जो ढर्रा पूर्व में था, वही ढर्रा आज भी बरकरार है। आज भी पैसे की आपूर्ति ना होने से एक महिला मरीज लापरवाही का शिकार हुई और मौत को गले लगा ली। जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में पैसों की मांग को लेकर आज बड़ा बवाल हुआ और स्टाफ की लापरवाही से एक महिला की जान चली गई। जानकारी के अनुसार डिलीवरी के नाम से पैसों की मांग को लेकर निकिता पति सुनील की लापरवाही से मौत का मामला सामने आया है। इस के चलते हुए परिजन कलेक्टर कार्यालय शव को लेकर न्याय के लिए डटे रहे। अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी से भीमआर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्वारा निवेदन करने पर तत्काल जांच हेतु तहसीलदार रामलाल पगारे को व लालबाग थानेदार देवड़ा जी को नियुक्त किया गया। इसकी जांच कर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। दत्तु मेढेजी द्वारा आरोप लगाया गया कि उपचार करने के नाम पर पैसेंट से पैसों की मांग होती आई है व हमेशा छोटे कर्मचारियों के हाथ से ऊपर तक पैसा पहुंचता है।पंचनामा करने तहसीलदार श्री पगारे,थानेदार श्री देवड़ा, आर एम ओ डॉ भूपेंद्र गौर,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भीमआर्मी दत्तु मेढेजी, किशोर तायडे, आदि उपस्थित थे। जिसकी जान थी, वह तो अल्लाह को प्यारी हो गई। लेकिन इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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