न्याय प्रदान करने का तन्त्र जटिल और मंहगा, CJI एन वी रमन्ना

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नई दिल्ली… रागिब अली

भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री एन वी रमन्ना एक कार्यक्रम में शामिल हुए।जम्मू-कशमीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के नए परिसर की आधारशिला रखने के दौरान कुछ बातों पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि लोगों के अधिकार और सम्मान की रक्षा की जा सके।

सीजेआई ने कार्यक्रम में कहा न्यायाधीशों और वकीलों से वादियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा वादी अक्सर मानसिक व आर्थिक तनाव में रहते हैं इससे आगे उन्होंने कहा न्याय ना मिलने के कारण देश में अराजकता बढ़ेगी। जिससे खतरा और बढ़ेगा और अस्थिरता भी बढ़ेगी। शांति तभी स्थापित होगी जब लोगों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा अदालतों के पास लोगों के अधिकारों और संविधान की आकांक्षाओं को बनाए रखने का संवैधानिक कर्तव्य है। जिससे लोगों में विश्वास और संविधान के प्रति आस्था का प्रभाव बढ़ता है मानव अधिकारों के प्रति सबसे बड़ी चुनौती सुलभ व सरल न्याय मिलने में जटिलता है इस चुनौती को मिलकर संविधानिक दायरे में रहकर ही कर्तव्य का निर्वहन किया जा सकता है।

तथा उन्होंने कहा भारत में न्याय प्रदान करने का तंत्र जटिल और महंगा है। उन्होंने कहा न्यायपालिका को न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपने सर्वोत्तम स्तर पर होना चाहिए जिससे काम करने की चुनौतियों का सामना न्यायिक और संवैधानिक तरीकों से किया जा सके। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत शायर जव्वाद अली की कविता की कुछ पंक्तियों से की।

बाद मुद्दत जो आया हूं वादी में
एक नया दौर, नया रंग नजर आता है

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