पूर्व आईएएस भाजपा नेता के पाठ्य पुस्तक निगम पर लगाये गये आरोप भ्रामक हैं यह तथ्यों से परे और मनगढ़ंत हैं भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुये भाजपा नेतृत्व की धूमिल प्रतिष्ठा इस तरह संवर न पायेगी : नितिन राजीव सिन्हा

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छत्तीसगढ़ पाठक पुस्तक निगम के सदस्य नितिन राजीव सिन्हा ने पाठ्य पुस्तक निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पूर्व आईएएस भाजपा नेता के अनर्गल बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए आज का दिन न्यूज़ पोर्टल को बताया है कि हताश और निराश भाजपा नेतृत्व इन दिनों खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली दशा से गुजरकर नकारात्मक राजनीति करने पर आतुर हुई है ऐसे में तथाकथित टेंडर घोटाले को लेकर वे कांग्रेस नेतृत्व पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं यद्यपि यह तथ्यों से परे और अनर्गल आरोप हैं..,

वस्तुस्थिति यह है कि १९ सितंबर २०२२ को निविदा भरने की अंतिम तिथि थी इसलिये उस दिन तक निविदाएँ जमा करने की प्रक्रिया चली इसलिये किसी विशेष समय में समस्त निविदाओं के भरे जाने के आरोप आधारहीन हैं..,
“भाजपा नेतृत्व यह बताये कि क्या टेंडर भरने का कोई शुभ मुहूर्त था जो कि सारी निविदाएँ उस मुहूर्त में भरी गईं..?”

दूसरी बात यह है कि टेंडर जो भरे गये हैं वह एनआईसी के सर्वर एड्रेस पर भरे गये हैं यह लैपटॉप का आईडी नंबर हो इस बात की संभावना नगण्य है वहीं आईपी एड्रेसेस जो सामने आये हैं वे अलग अलग स्थानों के हैं न कि किसी एक स्थान विशेष के..,
पाठ्य पुस्तक निगम के सदस्य नितिन राजीव सिन्हा ने पूर्व आईएएस भाजपा नेता को सलाह दी है कि चूँकि शासन की कार्य प्रणाली से वे वाक़िफ़ हैं और तकनीकी विशेषताओं की समझ उन्हें है ऐसे में बेहतर होगा कि वे कार्यालय मे आकर प्रक्रिया से वाक़िफ़ हो लें उन्हें संतुष्टि हो जायेगी कि पूर्ण पारदर्शिता से विभाग में कार्य हो रहे हैं रही बात पदेन अध्यक्ष से इस्तीफ़ा लेकर जाँच करने की तो वे जान लें कि विभागीय कार्रवाई करने के लिये सीनियर आईएएस वहां पदस्थ हैं वहीं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति भी वहाँ शासन ने की हुई है इसलिये विभागीय कार्रवाई का ठीकरा माननीय अध्यक्ष के सिर पर फोड़ा जाना स्वस्थ राजनीतिक परंपरा क़तई नहीं है,इससे उन्हें बाज आना चाहिए और परिपक्व राजनीतिज्ञ की तरह का आचरण करना चाहिए..,

उपरोक्त बयानों की पुष्टि की दस्तावेज

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