रायपुर। प्रदेश के अनुसुचित क्षेत्रों में लगातार जारी अवैध धर्मांतरण, अवैध चर्च निर्माण आदि पर रोक लगाने कार्यवाही करने के बजाय राज्य सरकार द्वारा वर्ग-भेद व वर्ग संघर्ष करने की रणनीति अपनाने, राज्य सरकार द्वारा मिशनरियों का हौसला बढ़ाने तथा भयग्रस्त, आक्रांत, भोले-भाले आदिवासी समाज का मुंह बंद करने की मंशा के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन किया गया।
धरना में भाजपा नेताओं ने कहा कि बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की शह पर बढ़ते अवैध धर्मांतरण एवं आदिवासी समाज पर पुलिस की एकतरफा बर्बरतापूर्वक कार्यवाही के कारण पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज आहत है। दिनांक 01.01.2023 को जिस प्रकार से नारायणपुर में पास्टर, पादरी एवं अवैध धर्मांतरित लोगों ने 1000-1500 की संख्या में एकत्रित होकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया अपितु मौके पर पहुंची पुलिस पर भी घातक रूप से हमला किया गया। इस घटना के खिलाफ आदिवासी समाज द्वारा कारवाई करने की मांग पर राज्य सरकार के मंशा अनुरूप उलटे आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाईयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे व गंभीर धाराओं के तहत गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
इससे पूर्व सुकमा जिले के पुलिस अधिक्षक ने अवैध धर्मांतरण के कारण समाज में टकराव की आशंका से संबंधित पत्र अपने मातहतों को लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में उल्लेखित किया था। बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए अवैध धर्मांतरण के रोकथाम हेतु गाईड लाईन जारी की थी, परन्तु राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से अवैध धर्मांतरण होने दिया, बल्कि इसे पाल-पोस कर आगे बढ़ाने का काम किया। मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया है, और इस अवैध ढंग संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक एवं नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं। कांग्रेस लगातार ऐसे विभिन्न उपायों द्वारा न केवल आदिवासी संस्कृति को तबाह करने में सहयोग कर रही है बल्कि राजनीतिक कारणों से उन क्षेत्रों में धर्मांतरण को एक तरह से शासकीय संरक्षण दिया जा रहा है।
भाजपा नेताओं ने मांग की कि
धर्मांतरण के व्यवसाय में लगे मिशनरियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही हो।
आदिवासी समाज के लोगों पर झूठे केस बनाकर जेल भेजने से रोकने हेतु उचित दिशा-. निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
नारायणपुर की घटना में बंद किये गये आदिवासियों की तत्काल रिहाई हो।
कांग्रेस सरकार निर्दोष लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कारवाई करना तत्काल बंद करे।